222. इहु तन माईआ पाहिआ पिआरे       

इहु तन माईआ पाहिआ पिआरे - लीतड़ा लब रंगाऐ ।

मेरै कंत न भावै चोलड़ा पिआरे - किउ धन सेजै जाऐ ।

हंउ कुरबानै जाउ मिहरवाना - हंउ कुरबानै जाउ ।

हंउ कुरबानै जाउ तिना कै - लैन जो तेरा नाउ ।

लैन जो तेरा नाउ तिना कै - हंउ सद कुरबानै जाउ ।

काईआ रंङण जे थीऐ पिआरे - पाईऐ नाउ मजीठ ।

रंङण वाला जे रंङै - साहिब ऐसा रंग न डीठ ।

जिन के चोले रतड़े पिआरे - कंत तिना कै पास ।

धूड़ तिना की जे मिलै - जी कह नानक की अरदास ।

आपे साजे आपे रंगे आपे नदर करेई ।

नानक कामण कंतै भावै आपे ही रावेई ।(721)

T.B.C…...?

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