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इहु
तन माईआ पाहिआ
पिआरे - लीतड़ा लब
रंगाऐ । मेरै
कंत न भावै चोलड़ा
पिआरे - किउ धन सेजै
जाऐ । हंउ
कुरबानै जाउ मिहरवाना
- हंउ कुरबानै जाउ
। हंउ
कुरबानै जाउ तिना
कै - लैन जो तेरा
नाउ । लैन
जो तेरा नाउ तिना
कै - हंउ सद कुरबानै
जाउ । काईआ
रंङण जे थीऐ पिआरे
- पाईऐ नाउ मजीठ
। रंङण
वाला जे रंङै - साहिब
ऐसा रंग न डीठ । जिन
के चोले रतड़े पिआरे
- कंत तिना कै पास
। धूड़
तिना की जे मिलै
- जी कह नानक की अरदास
। आपे
साजे आपे रंगे
आपे नदर करेई । नानक
कामण कंतै भावै
आपे ही रावेई ।(721) T.B.C…...?
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